सारांश : महाराष्ट्र की राजनीति में अचानक हलचल मच गई जब अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल ने शरद पवार से मुलाकात की। कुछ महीने पहले पवार का साथ छोड़ चुके भुजबल ने अब यह कदम उठाया, जिससे कई नए राजनीतिक समीकरण बनने की संभावनाएं उभर रही हैं। मराठा आरक्षण पर हालिया बयानबाजी के बीच यह मुलाकात और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

Maharashtra की राजनीति में नई हलचल: Chhagan Bhujbal की Sharad Pawar से मुलाकात


अचानक मुलाकात से हलचल

महाराष्ट्र की राजनीति में आज एक नया मोड़ तब आया जब अजित पवार गुट के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल अचानक शरद पवार के घर पहुंचे। कुछ महीने पहले पवार का साथ छोड़ने वाले भुजबल की इस मुलाकात ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। हालांकि, मुलाकात का एजेंडा अभी स्पष्ट नहीं है।


अटकलों का दौर

मीडिया में कई दिनों से अटकलें लगाई जा रही थीं कि महाराष्ट्र की राजनीति में जल्द ही बड़ा बदलाव आ सकता है। ऐसी खबरें थीं कि अजित पवार गुट के कुछ नाराज नेता वापस शरद पवार के साथ आ सकते हैं। आज भुजबल की शरद पवार से मुलाकात ने इन अटकलों को और हवा दे दी है।


मराठा आरक्षण पर बयानबाजी

मुलाकात से एक दिन पहले, भुजबल ने शरद पवार पर मराठा आरक्षण के मुद्दे पर जोरदार हमला किया था। उन्होंने पवार पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया था। अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या उनकी मुलाकात इसी मुद्दे पर है या इसके पीछे कोई और एजेंडा है।


उद्धव ठाकरे की पार्टी में जाने की संभावना

कुछ समय पहले यह भी चर्चा थी कि भुजबल उद्धव ठाकरे की पार्टी में जा सकते हैं। हालांकि, भुजबल ने साफ किया था कि वह एनसीपी के साथ ही रहेंगे। शरद पवार द्वारा बनाई गई एनसीपी में अजित पवार की बगावत के बाद विभाजन हो गया था, और चुनाव आयोग ने अजित पवार के गुट को असली एनसीपी माना था।


रैली में बयानबाजी

एक दिन पहले, भुजबल और अजित पवार ने बारामती में एक रैली को संबोधित किया था। भुजबल ने विपक्षी महा विकास आघाडी पर मराठा आरक्षण मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार करने का आरोप लगाया था। उन्होंने शरद पवार पर भी बैठक में शामिल न होने के लिए निशाना साधा था।


बारामती का गढ़

पुणे जिले का बारामती लोकसभा क्षेत्र शरद पवार का गढ़ है। भुजबल ने कहा कि उन्होंने शरद पवार को सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के लिए कहा था, लेकिन वह नहीं आए। भुजबल ने शरद पवार द्वारा वीपी सिंह के आरक्षण को लागू करने के लिए उनकी सराहना भी की।


समुदायों के हित

भुजबल ने बारामती के मराठा, धनगर और ओबीसी समुदायों के हितों की अनदेखी के लिए विपक्ष पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इन समुदायों के हितों की रक्षा करना विपक्ष का कर्तव्य है। सुले ने अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को हराकर बारामती लोकसभा सीट पर अपनी जीत दर्ज की थी।


सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार

सर्वदलीय बैठक के बहिष्कार के कारण राज्य विधानसभा में हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर राजनीतिक लाभ के लिए जातिगत तनाव भड़काने और आरक्षण मुद्दे को हल करने के लिए रचनात्मक रूप से काम नहीं करने का आरोप लगाया।

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