सारांश : भारतीय न्याय संहिता (BNS) के लागू होते ही दिल्ली के कमला मार्किट थाने में पहली एफआईआर दर्ज की गई। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास गुटखा बेच रहे व्यक्ति पर यह केस दर्ज हुआ। बीएनएस ने 163 साल पुराने आईपीसी की जगह ली है और इसमें कई नए अपराध और सजा के प्रावधान शामिल किए गए हैं।
भारत में कानूनी व्यवस्था में एक नया अध्याय जुड़ गया है। 1 जुलाई से भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गए हैं। इन नए कानूनों ने ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है। बीएनएस के तहत दिल्ली में पहली एफआईआर दर्ज की गई है।
यह घटना दिल्ली के सेंट्रल इलाके के कमला मार्किट थाने में घटित हुई। सोमवार की रात को पेट्रोलिंग कर रही पुलिस टीम ने देखा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास एक व्यक्ति ने बीच सड़क पर रेहड़ी लगाई हुई है और उस पर पानी और गुटखा बेच रहा है। इस वजह से लोगों को आने-जाने में दिक्कत हो रही थी। पुलिस ने कई बार उसे हटने को कहा, लेकिन वह नहीं माना। उसने अपनी मजबूरी बताई और वहीं रहकर सामान बेचता रहा।
अंततः पुलिस ने उसका नाम-पता पूछकर भारतीय न्याय संहिता की धारा 285 के तहत एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू कर दी। यह बीएनएस के तहत दर्ज की गई पहली एफआईआर है। इस घटना से साफ हो गया है कि नए कानून के तहत अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बीएनएस में 358 सेक्शन हैं, जबकि पुराने आईपीसी में 511 सेक्शन थे। नए कानून में 21 नए तरह के अपराध शामिल किए गए हैं और 41 अपराधों के लिए कारावास की सजा की अवधि बढ़ाई गई है। 82 अपराधों में जुर्माने की राशि को भी बढ़ाया गया है। बीएनएस में 25 ऐसे अपराध हैं, जिनमें कम से कम सजा का प्रावधान है, और 6 अपराधों के लिए सामाजिक सेवा का दंड दिया जाएगा। इसके अलावा, 19 अपराधों को हटाया गया है।
यह ध्यान देने योग्य बात है कि जिन अपराधों में मुकदमे 1 जुलाई से पहले दर्ज किए गए हैं, उनकी कार्रवाई पुराने आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत ही की जाएगी। केंद्र सरकार ने फरवरी में ही गजट नोटिफिकेशन जारी कर तीनों नए आपराधिक कानूनों को 1 जुलाई से लागू करने का ऐलान किया था।
बीएनएस का मुख्य उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी और सख्त बनाना है। इसमें धोखाधड़ी, संगठित अपराध और अन्य गंभीर अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। साथ ही, इसमें कई ऐसे प्रावधान भी जोड़े गए हैं, जो समाज के लिए सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
नई कानूनी व्यवस्था के तहत पहली एफआईआर दर्ज होना यह दर्शाता है कि सरकार अपराध नियंत्रण के लिए गंभीर है। यह कानून न केवल अपराधियों को सजा देने में मदद करेगा बल्कि समाज में कानून के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगा।
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