सारांश : यूएस फेड की ब्याज दर कटौती के फैसले का असर भारतीय शेयर बाजार पर देखने को मिला। सेंसेक्स 1100 अंक गिरा और निफ्टी 23,900 से नीचे फिसल गया। आईटी, मेटल और पीएसयू बैंक सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई। लगातार चार दिनों की बिकवाली से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है।

भारतीय शेयर बाजार में 19 दिसंबर की सुबह की शुरुआत बेहद निराशाजनक रही। बाजार खुलते ही सेंसेक्स 1100 अंकों की भारी गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा था, जबकि निफ्टी ने 23,900 का स्तर तोड़ दिया। यह गिरावट अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 0.25% की कटौती के बाद वैश्विक बाजारों में हुई भारी बिकवाली का परिणाम है।
गिरावट का कारण:
अमेरिकी फेड के ब्याज दरों में कटौती के बाद वॉल स्ट्रीट में साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। एसएंडपी 500 ने 2.9% और डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज ने 1,123 अंक या 2.6% की गिरावट देखी। इसका सीधा असर एशियाई बाजारों पर पड़ा, जहां गुरुवार को सभी प्रमुख इंडेक्स लाल निशान में थे। भारतीय बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा।
शुरुआती कारोबार:
सुबह 9:30 बजे, सेंसेक्स 1,010 अंकों की गिरावट के साथ 79,171 पर और निफ्टी 302 अंकों की गिरावट के साथ 23,895 पर ट्रेड कर रहा था। लगभग सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। निफ्टी आईटी में 1.95%, निफ्टी मेटल में 1.89% और निफ्टी पीएसयू बैंक में 1.80% की गिरावट दर्ज की गई।
प्रमुख लूजर्स और गेनर्स:
सेंसेक्स में इंफोसिस, एचसीएल टेक, एशियन पेंट्स, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, एसबीआई, जेएसडब्ल्यू स्टील और बजाज फाइनेंस शीर्ष नुकसान उठाने वाले शेयरों में शामिल रहे। वहीं, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी ने मामूली बढ़त हासिल की और शीर्ष गेनर्स रहे।
लगातार गिरावट से निवेशकों का नुकसान:
पिछले चार दिनों से जारी गिरावट ने निवेशकों को बड़ा झटका दिया है। इस अवधि में निवेशकों की संपत्ति में 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कमी आई है। बुधवार को भी सेंसेक्स 502.25 अंकों की गिरावट के साथ 80,182.20 पर और निफ्टी 137.15 अंकों की गिरावट के साथ 24,198.85 पर बंद हुआ था।
वैश्विक और घरेलू संकेत:
अमेरिकी बाजारों की गिरावट का असर एशियाई बाजारों पर साफ देखा गया। जापान का निक्केई और हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स भी गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। भारतीय बाजार में घरेलू निवेशकों ने भी सतर्क रुख अपनाया, जिससे बिकवाली का दबाव और बढ़ा।
आगे का रास्ता:
विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में अभी और उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। यूएस फेड के फैसले से जुड़े प्रभाव और वैश्विक बाजारों के संकेत भारतीय बाजार को प्रभावित करते रहेंगे। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सतर्कता बरतें और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ निवेश करें।
निष्कर्ष:
भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार की गिरावट ने निवेशकों को बड़ा झटका दिया है। यह घटना वैश्विक बाजारों में जारी अस्थिरता का नतीजा है। निवेशकों को धैर्य रखने और अच्छी गुणवत्ता वाले शेयरों में निवेश बनाए रखने की सलाह दी जाती है।
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