सारांश: नोएडा प्राधिकरण ने दिल्ली-नोएडा-डायरेक्ट (DND) फ्लाईवे के लिए NTBCL को दी गई 330 एकड़ खाली जमीन वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस जमीन की अनुमानित कीमत अरबों रुपये में है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा DND फ्लाईवे पर टोल हटाने के फैसले के बाद प्राधिकरण ने यह कदम उठाया है। जमीन का सर्वेक्षण कर इसे भविष्य की योजनाओं के लिए उपयोग में लाने की योजना बनाई जा रही है।


नोएडा अथॉरिटी वापस लेगी 330 एकड़ जमीन, अरबों की संपत्ति पर प्राधिकरण का दोबारा हक


330 एकड़ जमीन पर प्राधिकरण का फिर से हक


नोएडा प्राधिकरण ने DND फ्लाईवे बनाने वाली नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड (NTBCL) को दी गई 330 एकड़ खाली जमीन को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस जमीन का मूल्य अरबों रुपये में आंका गया है। यह जमीन 1997 में DND फ्लाईवे के निर्माण के लिए NTBCL को सौंपी गई थी।


DND फ्लाईवे और सुप्रीम कोर्ट का फैसला


दिल्ली-नोएडा-डायरेक्ट फ्लाईवे का निर्माण 7 फरवरी 2001 को पूरा हुआ और इसका उद्घाटन भी उसी दिन हुआ। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस फ्लाईवे पर टोल हटाने का आदेश दिया था। इस फैसले के बाद NTBCL को दूसरा झटका तब लगा, जब नोएडा प्राधिकरण ने खाली पड़ी जमीन वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी।


जमीन का इतिहास और उपयोग


1997 में DND फ्लाईवे के निर्माण के लिए NTBCL को 454 एकड़ जमीन दी गई थी। इसमें से 124 एकड़ जमीन का उपयोग फ्लाईवे और अन्य निर्माण कार्यों के लिए किया गया। लेकिन 330 एकड़ जमीन अब भी खाली पड़ी है। नोएडा प्राधिकरण ने इस खाली जमीन का सर्वेक्षण कर इसे वापस लेने की योजना बनाई है।


भविष्य में जमीन का उपयोग


नोएडा प्राधिकरण खाली जमीन को वापस लेने के बाद इसके उपयोग के लिए नई योजनाएं तैयार करेगा। अधिकारियों के अनुसार, यह जमीन प्राधिकरण की विभिन्न परियोजनाओं के लिए इस्तेमाल की जा सकती है। इनमें आवासीय और व्यावसायिक परियोजनाएं शामिल हो सकती हैं। जमीन के सर्वेक्षण के बाद इसकी उपयोगिता का निर्धारण किया जाएगा।


मॉल निर्माण की योजना पर विवाद


DND फ्लाईवे बनने के बाद NTBCL ने फ्लाईवे के दोनों ओर खाली पड़ी जमीन पर रियल एस्टेट परियोजनाएं शुरू करने का प्रस्ताव रखा था। इसमें आवासीय और मॉल बनाने की योजना शामिल थी। हालांकि, नोएडा प्राधिकरण ने इन योजनाओं को मंजूरी देने से इनकार कर दिया।


अनुबंध और जमीन आवंटन प्रक्रिया


नोएडा प्राधिकरण और NTBCL के बीच अनुबंध 12 नवंबर 1997 को हुआ था। इसके तहत अलग-अलग चरणों में जमीन आवंटित की गई थी। यह जमीन नोएडा प्राधिकरण के साथ-साथ दिल्ली सरकार और सिंचाई विभाग द्वारा भी दी गई थी।


प्राधिकरण का कदम क्यों महत्वपूर्ण है?


नोएडा प्राधिकरण का यह कदम संपत्ति की सुरक्षा और सही उपयोगिता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। 330 एकड़ जमीन का वापस आना न केवल प्राधिकरण की संपत्ति बढ़ाएगा, बल्कि इसे शहर की नई परियोजनाओं में उपयोग करने का अवसर भी मिलेगा।


सर्वेक्षण और आगे की प्रक्रिया


प्राधिकरण ने जमीन की स्थिति का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। सर्वे के बाद, जमीन को फिर से अधिग्रहित करने और उसके उपयोग के लिए योजनाएं तैयार की जाएंगी।


प्राधिकरण और जनता के लिए संभावित लाभ


इस जमीन का उपयोग शहर के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने, आवासीय परियोजनाओं को विकसित करने और व्यावसायिक केंद्र बनाने में किया जा सकता है। यह कदम शहर के विकास और जनसुविधाओं में सुधार के लिए फायदेमंद साबित होगा।

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