सारांश: लोकसभा में पारित बैंकिंग विधियां (संशोधन) विधेयक 2024 के तहत अब बैंक खाताधारक चार नॉमिनी नामित कर सकते हैं। इस प्रावधान का उद्देश्य बैंकिंग गवर्नेंस को सशक्त बनाना और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना है। खाताधारकों को नॉमिनियों के हिस्से तय करने की स्वतंत्रता भी मिलेगी।


नए बैंकिंग नियम: अब एक खाते में चार नॉमिनी बनाने की अनुमति, जानें क्या हैं फायदे



बैंकिंग प्रणाली में बड़ा बदलाव: नॉमिनी नियमों में सुधार

लोकसभा में हाल ही में पारित बैंकिंग विधियां (संशोधन) विधेयक, 2024 के तहत अब बैंक खातों और लॉकरों के लिए खाताधारक चार नॉमिनी नामित कर सकते हैं। यह बदलाव बैंकिंग गवर्नेंस को सशक्त बनाने और ग्राहकों को अधिक स्वतंत्रता प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विधेयक पेश करते हुए इसे बैंकिंग सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।


मौजूदा नियम और उनके कारण आने वाली चुनौतियां

अब तक बैंक खातों में केवल एक व्यक्ति को ही नॉमिनी बनाने की अनुमति थी। हालांकि, कोविड महामारी के दौरान बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु के बाद कई कानूनी विवाद सामने आए। अक्सर, एक ही बैंक खाते पर कई लोगों ने दावा पेश किया, जिससे संपत्ति के वितरण में जटिलताएं उत्पन्न हुईं। इस संशोधन के जरिए सरकार ने खाताधारकों को अपने धन के वितरण का अधिकार देने का फैसला किया।


चार नॉमिनी और हिस्सेदारी तय करने का विकल्प

नए नियमों के तहत खाताधारक अपनी मर्जी से चार नॉमिनी नामित कर सकते हैं। साथ ही, वे यह भी तय कर सकते हैं कि किस नॉमिनी को कितना हिस्सा दिया जाए। इससे धन के वितरण की प्रक्रिया आसान हो जाएगी और बैंकों पर कानूनी विवादों का दबाव कम होगा।


सहकारी बैंकों के लिए प्रावधान

इस विधेयक में सहकारी बैंकों के प्रबंधन से संबंधित नियमों में भी बदलाव किया गया है। अब सहकारी बैंकों के निदेशकों का कार्यकाल आठ साल से बढ़ाकर दस साल कर दिया गया है। साथ ही, केंद्रीय सहकारी बैंकों के निदेशकों को राज्य सहकारी बैंकों के निदेशक मंडल में शामिल होने की अनुमति भी दी गई है।


बैंकों को दी जाएगी अधिक स्वतंत्रता

बैंकों को ऑडिटरों की फीस तय करने में भी अधिक स्वतंत्रता दी जाएगी। इसके अलावा, बैंकों को वित्तीय आंकड़ों की रिपोर्टिंग के लिए हर महीने की 15वीं और आखिरी तारीख को सूचना देने का प्रावधान किया गया है। इससे मौजूदा जटिलताओं को दूर करने और नियामकीय अनुपालन को सरल बनाने की उम्मीद है।


वित्त मंत्री का दृष्टिकोण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस विधेयक को पेश करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य न केवल बैंकिंग गवर्नेंस को मजबूत करना है, बल्कि आम ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना भी है। यह विधेयक आरबीआई अधिनियम 1934, बैंकिंग नियमन अधिनियम 1949, एसबीआई अधिनियम 1955 और बैंकिंग कंपनियां अधिनियम 1970-1980 के प्रावधानों में बदलाव करके पेश किया गया है।


बजट में हुई थी घोषणा

यह विधेयक पहली बार जुलाई 2024 के बजट सत्र में पेश किया गया था। सरकार ने इसे व्यापक सुधारों की दिशा में एक अहम कदम बताया।

नए नियम ग्राहकों के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं?

  • अधिक स्वतंत्रता: खाताधारकों को अपने धन के वितरण पर नियंत्रण मिलेगा।
  • कानूनी विवाद कम होंगे: चार नॉमिनी का प्रावधान संपत्ति वितरण को सरल बनाएगा।
  • सहकारी बैंकों का सशक्तिकरण: प्रबंधन में सुधार और निदेशकों को अधिक कार्यकाल मिलेगा।
  • ऑडिट प्रक्रिया में स्वतंत्रता: बैंकों को ऑडिटरों की फीस तय करने में स्वायत्तता दी गई है।

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