सारांश: हरियाणा के हिसार में नारनौंद के पास एक ईंट-भट्ठे की दीवार गिरने से चार बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई और कई घायल हो गए। हादसे के वक्त मजदूर काम कर रहे थे और उनके बच्चे दीवार के पास सो रहे थे। मरने वालों में तीन महीने की बच्ची भी शामिल है। सभी मजदूर उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले से हैं।
हरियाणा के हिसार जिले के नारनौंद इलाके में रविवार (22 दिसंबर) की रात एक बड़ा हादसा हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया। सोनू ईंट-भट्ठे पर देर रात मजदूर काम कर रहे थे, और उनके बच्चे पास ही सो रहे थे। अचानक ईंट पकाने के लिए बनी दीवार गिर गई और बच्चों को अपने मलबे में दबा लिया।
रविवार रात लगभग 12 बजे, जब मजदूर चिमनी के पास ईंटों की पथाई और खड़ंजे लगाने का काम कर रहे थे, उस समय बच्चे दीवार के पास सो रहे थे। अचानक दीवार गिरने से चार बच्चों की मौत हो गई, जिनमें तीन महीने की मासूम निशा, 5 साल की नंदिनी, 9 साल का सूरज और 9 साल का विवेक शामिल हैं।
पांच साल की गौरी, जो इस हादसे में गंभीर रूप से घायल है, को हिसार के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के अनुसार, उसकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।
हादसे का कारण और बचाव कार्य
ईंट-भट्ठे पर काम करने वाले 20 से अधिक मजदूर और उनके बच्चे दीवार के पास मौजूद थे। यह दीवार ईंट पकाने के लिए बनाई गई थी और अचानक गिरने के कारण चार बच्चों की जान चली गई। हादसे के तुरंत बाद, स्थानीय लोगों और प्रशासन ने मिलकर बचाव कार्य शुरू किया।
मलबे में दबे अन्य मजदूरों और बच्चों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। हालांकि, प्रशासन ने हादसे की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।
मृतक और घायल बच्चों की पहचान
इस हादसे में जिन चार बच्चों की मौत हुई है, उनकी पहचान इस प्रकार है:
- तीन महीने की निशा
- 5 साल की नंदिनी
- 9 साल का सूरज
- 9 साल का विवेक
गंभीर रूप से घायल गौरी (5 साल) की हालत अस्थिर है। उसे प्राथमिक उपचार के बाद हिसार के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया।
उत्तर प्रदेश के निवासी मजदूर
सभी प्रभावित मजदूर उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले के जलालपुर से हैं। ये मजदूर सोनू ईंट-भट्ठे पर काम करने के लिए आए थे और अपने परिवार के साथ वहीं रहते थे। मौजूदा समय में भट्ठे पर ईंट पकाने और चिमनी के पास खड़ंजे लगाने का काम चल रहा था।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
हादसे की खबर मिलते ही स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचा। उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने घटना स्थल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।
पीड़ित परिवारों की स्थिति
हादसे से प्रभावित मजदूर परिवार शोक में डूबे हुए हैं। उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर से आए इन मजदूरों के लिए यह हादसा बेहद दुखद है। ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले इन मजदूरों के पास सीमित संसाधन और विकल्प हैं, जिससे उनके पुनर्वास में कठिनाई हो सकती है।
भविष्य की सुरक्षा के उपाय
यह हादसा ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले मजदूरों और उनके परिवारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।
- दीवारों और संरचनाओं की नियमित जांच: प्रशासन को ईंट-भट्ठों पर बनी संरचनाओं की नियमित रूप से जांच करनी चाहिए।
- बच्चों के लिए अलग रहने की व्यवस्था: काम के दौरान बच्चों के लिए सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराना जरूरी है।
- आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण: मजदूरों को आपदा प्रबंधन और प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
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