सारांश : जापान एयरलाइंस पर हुए बड़े साइबर हमले ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को प्रभावित कर दिया है। टिकटों की बिक्री अस्थायी रूप से बंद कर दी गई है। एयरलाइंस के प्रवक्ता ने इस स्थिति को ठीक करने के लिए युद्धस्तर पर काम करने की बात कही है। पहले भी जापान की कई कंपनियां साइबर हमलों का सामना कर चुकी हैं।
साइबर हमले ने उड़ानों को किया प्रभावित
जापान एयरलाइंस पर गुरुवार सुबह एक बड़ा साइबर हमला हुआ, जिससे देश और विदेश में उड़ानों की सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो गईं। स्थानीय समय के अनुसार यह हमला सुबह 7:24 बजे हुआ। हमले के कारण एयरलाइंस की टिकट बिक्री प्रणाली ठप हो गई, जिससे हजारों यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा।
एयरलाइंस के प्रवक्ता ने इस स्थिति की पुष्टि करते हुए कहा, "हम अपनी सेवाओं को बहाल करने के लिए पूरी मेहनत कर रहे हैं। फिलहाल टिकटों की बिक्री रोक दी गई है और यात्रियों को हो रही असुविधा के लिए हमें खेद है।"
यात्रा योजनाओं पर पड़ा असर
जापान एयरलाइंस, जो देश की दूसरी सबसे बड़ी विमानन कंपनी है, की नौ घरेलू उड़ानों में देरी दर्ज की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह संख्या बढ़ सकती है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब जापान एयरलाइंस की सेवाएं अपने उच्चतम स्तर पर थीं।
प्रवक्ता ने आगे कहा, "हम इस स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और जल्द ही यात्रियों को राहत देने की कोशिश कर रहे हैं।"
पहले भी हो चुके हैं बड़े साइबर हमले
साइबर हमलों का शिकार केवल जापान एयरलाइंस ही नहीं है। इससे पहले 2022 में टोयोटा के आपूर्तिकर्ता पर हुए साइबर हमले ने कंपनी के घरेलू उत्पादन को पूरे एक दिन के लिए बंद कर दिया था।
इसके अलावा, जून 2023 में जापानी वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म निकोनिको को एक बड़े साइबर हमले का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उनकी सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित करना पड़ा। इसी तरह, सिएटल-टैकोमा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (SEA) पर भी इसी तरह का साइबर हमला हुआ, जिससे इंटरनेट और वेब सिस्टम पूरी तरह से ठप हो गए थे।
साइबर सुरक्षा की चुनौती
जापान, जो अपनी तकनीकी प्रगति के लिए प्रसिद्ध है, साइबर सुरक्षा में एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि हालिया हमलों में बड़ी कंपनियों और सरकारी संगठनों को लक्षित किया गया है।
सरकार और कंपनियों को इन हमलों से बचने के लिए अत्याधुनिक सुरक्षा उपाय अपनाने की जरूरत है। जापान के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ का कहना है, "हमलों की बढ़ती संख्या इस बात का संकेत है कि साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में और अधिक निवेश और जागरूकता की आवश्यकता है।"
यात्रियों को दी जा रही सलाह
एयरलाइंस ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे अपनी यात्रा योजनाओं को पुनः जांचें और आवश्यक जानकारी के लिए एयरलाइंस की आधिकारिक वेबसाइट या कॉल सेंटर से संपर्क करें।
निष्कर्ष
जापान एयरलाइंस पर साइबर हमले ने यह दिखाया है कि बड़ी कंपनियां भी डिजिटल खतरों के प्रति संवेदनशील हैं। इस घटना से प्रभावित यात्री तो परेशान हैं ही, साथ ही यह घटना भविष्य में साइबर सुरक्षा को और मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा सबक है।
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