सारांश : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपनी पत्नी और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ चाचा शरद पवार से उनके 84वें जन्मदिन पर मुलाकात की। हालांकि, इस गैर-राजनीतिक मुलाकात के बाद राजनीतिक अटकलें तेज हो गई हैं। इसी बीच, महाराष्ट्र में मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर महायुति सरकार में खींचतान जारी है।
महाराष्ट्र की राजनीति में घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं। हाल ही में, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार ने अपने चाचा और एनसीपी संस्थापक शरद पवार से उनके दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की। यह मुलाकात शरद पवार के 84वें जन्मदिन के मौके पर हुई, लेकिन इसने राजनीतिक गलियारों में नई अटकलों को जन्म दे दिया है।
शरद पवार से मुलाकात: एक पारिवारिक पहल
अजित पवार ने इस मुलाकात का कारण बताते हुए कहा कि वह अपने चाचा को जन्मदिन की बधाई देने और उनका आशीर्वाद लेने गए थे। उनके साथ उनकी पत्नी, पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल और अन्य प्रमुख नेता भी मौजूद थे।
हालांकि, इस मुलाकात का राजनीतिक महत्व नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। महाराष्ट्र में मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है, और ऐसे समय में यह मुलाकात राजनीतिक चर्चा का विषय बन गई है।
मंत्रालयों के बंटवारे पर महायुति में खींचतान
महाराष्ट्र की महायुति सरकार, जिसमें भाजपा, एनसीपी और शिवसेना शामिल हैं, अब तक मंत्रालयों के बंटवारे पर सहमति नहीं बना पाई है। गृह मंत्रालय जैसे अहम विभाग को लेकर शिवसेना और भाजपा के बीच मतभेद हैं। खबरों के अनुसार, भाजपा इस विभाग को अपने पास रखना चाहती है, जबकि शिवसेना इसे पाने की कोशिश में है।
अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात
दिल्ली दौरे के दौरान, अजित पवार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की। माना जा रहा है कि यह बैठक मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर थी। सरकार बनने के बाद से ही महायुति के तीनों दलों की नजर विभागों के बंटवारे पर है।
चुनावों में अजित पवार की एनसीपी का प्रदर्शन
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी ने शानदार प्रदर्शन किया था। पार्टी ने 59 सीटों पर चुनाव लड़ा और 41 सीटों पर जीत दर्ज की। इसके विपरीत, शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को इस चुनाव में केवल 10 सीटें मिलीं।
राजनीतिक चर्चाओं को हवा
हालांकि, अजित पवार और शरद पवार दोनों ने इस मुलाकात को पूरी तरह गैर-राजनीतिक बताया है, लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञ इसे अन्य नजरिए से देख रहे हैं। एनसीपी के अंदर गुटबाजी और नेतृत्व को लेकर पहले ही तनाव की खबरें आ चुकी हैं। ऐसे में इस मुलाकात को पार्टी के भीतर मतभेदों को सुलझाने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है।
महाराष्ट्र में सरकार की चुनौतियां
मंत्रालयों के बंटवारे के साथ-साथ सरकार के सामने अन्य कई चुनौतियां हैं। तीनों दलों के बीच संतुलन बनाए रखना एक बड़ी जिम्मेदारी है। शिवसेना की मांगों और भाजपा की प्राथमिकताओं के बीच, अजित पवार को अपने राजनीतिक समीकरण साधने होंगे।
शरद पवार की भूमिका
शरद पवार का महाराष्ट्र की राजनीति में प्रभाव आज भी मजबूत है। उनके अनुभव और राजनीतिक कौशल को देखते हुए, इस मुलाकात का महत्व और बढ़ जाता है। हालांकि, यह मुलाकात निजी कारणों से हुई थी, लेकिन इसका प्रभाव महाराष्ट्र की राजनीतिक दिशा पर पड़ सकता है।
निष्कर्ष
अजित पवार और शरद पवार की मुलाकात ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। मंत्रालयों के बंटवारे और महायुति सरकार की स्थिरता पर इसका प्रभाव पड़ सकता है। अब यह देखना होगा कि आगामी दिनों में महाराष्ट्र की राजनीतिक दिशा क्या मोड़ लेती है।
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