सारांश: भारत के दिग्गज स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने 14 साल लंबे और ऐतिहासिक करियर के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया। अपने करियर में अश्विन ने 765 विकेट और 4394 रन बनाए। उन्होंने भारत के लिए 287 मैच खेले और क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में अपनी जगह बनाई। गाबा टेस्ट के ड्रॉ घोषित होने के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिटायरमेंट की घोषणा की।
14 साल के सुनहरे सफर का अंत
भारतीय क्रिकेट टीम के महान स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। गाबा टेस्ट के ड्रॉ घोषित होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने अपने फैसले का खुलासा किया। अश्विन ने कहा, "यह इंटरनेशनल क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में एक भारतीय खिलाड़ी के रूप में मेरा आखिरी दिन है। मुझे गर्व है कि मैंने इतने लंबे समय तक देश का प्रतिनिधित्व किया। अब मेरी स्किल्स केवल क्लब लेवल क्रिकेट में दिखेंगी।"
डेब्यू से लेकर विदाई तक का सफर
अश्विन ने 2010 में जिम्बाब्वे के खिलाफ टी20 मैच से अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत की थी। अपने डेब्यू से लेकर आज तक, उन्होंने भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई कीर्तिमान स्थापित किए। 14 साल के करियर में उन्होंने 287 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 765 विकेट लेकर भारतीय क्रिकेट के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज बने।
अनिल कुंबले के बाद, अश्विन ने भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट चटकाए। कुंबले ने अपने करियर में कुल 956 विकेट लिए थे, जबकि अश्विन ने तीनों फॉर्मेट में 765 विकेट लेकर भारतीय स्पिन गेंदबाजी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
ऑलराउंडर के रूप में छाप
अश्विन को उनकी गेंदबाजी के साथ-साथ उनके ऑलराउंडर प्रदर्शन के लिए भी याद किया जाएगा। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 6 शतक और 14 अर्धशतक सहित कुल 3,503 रन बनाए। उनका सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी स्कोर 124 रन रहा। उन्होंने न केवल एक गेंदबाज बल्कि एक बल्लेबाज के रूप में भी टीम को कई बार संकट से निकाला।
यादगार पल और उपलब्धियां
अश्विन के करियर में कई यादगार पल रहे। चाहे वह इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में 106 रन बनाकर भारत को जीत दिलाने की बात हो या ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट में 128 गेंदों की मैराथन पारी खेलकर मैच बचाने की। उन्होंने अपनी गेंदबाजी के दम पर कई महत्वपूर्ण जीत दिलाईं।
अश्विन ने अपने करियर के दौरान कुल 31 बार पांच विकेट लेने का कारनामा किया। उन्हें खासतौर पर टेस्ट क्रिकेट में उनकी शानदार गेंदबाजी के लिए जाना जाएगा।
गाबा टेस्ट: आखिरी मैच का खास पल
अश्विन का आखिरी मैच ऑस्ट्रेलिया के गाबा में खेला गया। इस मुकाबले में उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से योगदान दिया। पिंक बॉल टेस्ट में उन्होंने 29 रन बनाए और एक विकेट लिया। हालांकि, यह मैच बारिश के कारण ड्रॉ हो गया, लेकिन यह अश्विन के करियर का आखिरी इंटरनेशनल मुकाबला साबित हुआ।
रिटायरमेंट के पीछे की वजह
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अश्विन ने कहा कि यह फैसला उनके लिए आसान नहीं था। उन्होंने कहा, "मुझे अब भी लगता है कि मेरे अंदर क्रिकेट बाकी है, लेकिन मैं इसे अब केवल क्लब लेवल क्रिकेट में खेलूंगा। भारतीय टीम के साथ बिताए पलों को मैं कभी नहीं भूलूंगा। यह सफर मेरे लिए बहुत खास रहा।"
साथियों के साथ साझा की यादें
अश्विन ने अपने रिटायरमेंट संदेश में टीम के खिलाड़ियों का धन्यवाद किया। उन्होंने रोहित शर्मा, विराट कोहली और अन्य साथियों के साथ बिताए पलों को याद किया। उन्होंने कहा, "इन यादों को मैं ताउम्र संजोकर रखूंगा।"
अश्विन की विरासत
अश्विन ने अपनी विरासत केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं रखी। उन्होंने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाई पर पहुंचाया और अपनी गेंदबाजी से कई युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया। अश्विन का नाम हमेशा उन क्रिकेटरों में शामिल रहेगा जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को गौरवान्वित किया।
क्या कहते हैं क्रिकेट विशेषज्ञ?
अश्विन के रिटायरमेंट पर क्रिकेट जगत में चर्चा तेज हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अश्विन का योगदान भारतीय क्रिकेट में अमूल्य है। उनके जाने से टीम को एक बड़ा झटका लगेगा, लेकिन उनकी उपलब्धियां हमेशा याद की जाएंगी।
अश्विन: टेस्ट क्रिकेट के लीजेंड
अश्विन को खासतौर पर टेस्ट क्रिकेट में उनकी शानदार गेंदबाजी के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने कई ऐतिहासिक टेस्ट मैचों में भारत को जीत दिलाई। उनकी गेंदबाजी की विविधता और सटीकता उन्हें एक अनोखा गेंदबाज बनाती है।
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