सारांश : विदेशी पूंजी की निकासी और बाजार में बिकवाली के दौर के चलते भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 400 अंक तक गिरकर 80,268.36 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 24,250 के स्तर से नीचे आ गया।

Stock Market में गिरावट जारी, Sensex 400 अंक टूटा, Nifty 24,250 से नीचे


शेयर बाजार में गिरावट का दौर: सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट

भारत के शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से गिरावट का सिलसिला जारी है। विदेशी पूंजी की निकासी और बाजार में बिकवाली के दबाव के कारण बुधवार को भी बाजार में नकारात्मक रुख देखा गया। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही प्रमुख सूचकांकों में गिरावट आई। सेंसेक्स 400 अंक तक टूटकर 80,268.36 अंक पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 24,250 के स्तर से नीचे गिरकर 24,231.65 अंक पर पहुंच गया।


बाजार का शुरुआती रुख

आज सुबह के कारोबार के दौरान, बीएसई सेंसेक्स 149.31 अंक की गिरावट के साथ 80,535.14 अंक पर खुला, जबकि एनएसई निफ्टी 62.9 अंक की गिरावट के साथ 24,273.10 अंक पर कारोबार कर रहा था। शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, बाजार में गिरावट के मुख्य कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा की गई बिकवाली थे। मंगलवार को एफआईआई ने शुद्ध रूप से 6,409.86 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे बाजार पर दबाव बना।


शेयर बाजार के प्रमुख कंपनियों का प्रदर्शन

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों में से कई के शेयरों में गिरावट आई। टाटा मोटर्स, पावर ग्रिड, लार्सन एंड टूब्रो, अदाणी पोर्ट्स, मारुति और एनटीपीसी के शेयरों में नुकसान देखा गया। वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एशियन पेंट्स और आईटीसी जैसी कंपनियों के शेयरों में बढ़त देखने को मिली।

निफ्टी के टॉप गेनर्स और लूजर्स में भी कुछ प्रमुख कंपनियों के शेयर शामिल थे, जो निवेशकों के बीच खासी चर्चित रही।


विदेशी बाजारों का असर

भारत में गिरावट के अलावा, एशियाई बाजारों का भी मिश्रित रुख देखने को मिला। दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग और चीन का शंघाई कम्पोजिट अच्छे रुझान में रहे, जबकि जापान का निक्की नुकसान में रहा। अमेरिकी बाजार भी मंगलवार को नकारात्मक रुख के साथ बंद हुए थे, जिसके प्रभाव से भारतीय बाजार में भी गिरावट आई।

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ब्रेंट क्रूड की कीमत में मामूली बढ़त देखने को मिली। ब्रेंट क्रूड 0.04 प्रतिशत की बढ़त के साथ 73.22 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। इस बढ़त से ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों पर सकारात्मक असर पड़ा, लेकिन बाजार में मौजूद व्यापक दबाव को इससे संतुलित नहीं किया जा सका।


रुपये का गिरना

बाजार की गिरावट के साथ-साथ रुपये की स्थिति भी कमजोर हुई। रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले एक पैसे की गिरावट के साथ 84.92 के स्तर पर पहुंच गया। यह गिरावट विदेशी निवेशकों की निकासी और बाजार में बिकवाली के दबाव के कारण आई।


बिकवाली और निवेशकों की चिंता

इन दोनों सूचकांकों की गिरावट से निवेशक चिंतित हैं। विदेशी पूंजी की निकासी और भारतीय शेयर बाजार के भीतर बिकवाली के दबाव ने निवेशकों के बीच संकोच पैदा कर दिया है। निवेशकों को डर है कि वैश्विक और घरेलू बाजारों में अनिश्चितता का दौर आगे भी जारी रह सकता है, जिससे शेयरों की कीमतों में और गिरावट हो सकती है।


निष्कर्ष

शेयर बाजार में गिरावट का दौर फिलहाल जारी है। विदेशी पूंजी की निकासी और बाजार में बिकवाली के कारण सेंसेक्स और निफ्टी में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। हालांकि, कुछ प्रमुख कंपनियों के शेयरों में बढ़त देखी गई, जो निवेशकों के लिए कुछ राहत का संकेत हो सकती है। बावजूद इसके, बाजार में दबाव बना हुआ है और आगे भी इसमें उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं।

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