सारांश : भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से वापसी की तैयारी पूरी कर ली है। नासा द्वारा जारी किए गए वीडियो में स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के अनडॉकिंग की प्रक्रिया दिखाई गई है। यह स्पेसक्राफ्ट 19 मार्च की सुबह फ्लोरिडा के तट पर लैंड करेगा। पूरी दुनिया इस ऐतिहासिक क्षण की प्रतीक्षा कर रही है।


Sunita Williams की धरती पर वापसी : Space Station को कहा अलविदा, देखें अनडॉकिंग का रोमांचक वीडियो


ऐतिहासिक क्षण की शुरुआत

अंतरिक्ष अन्वेषण की दुनिया में एक और बड़ा क्षण आ गया है। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर ने आखिरकार अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस ऐतिहासिक मिशन का हिस्सा बनने वाले दो अन्य अंतरिक्ष यात्री निक हेग और अलेक्जेंडर गोरबुनोव भी इस यात्रा में उनके साथ हैं।


9 महीने बाद धरती पर वापसी


लगभग 9 महीने और 13 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने के बाद ये चारों अंतरिक्ष यात्री 18 मार्च को स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर पृथ्वी की ओर लौट रहे हैं। सुबह 08:35 बजे अंतरिक्ष यान का हैच बंद किया गया और 10:35 बजे यह ISS से अलग हो गया। नासा के अनुसार, यह 19 मार्च की सुबह 3:27 बजे (भारतीय समयानुसार) फ्लोरिडा के तट पर लैंड करेगा।


नासा का लाइव कवरेज और अनडॉकिंग वीडियो


नासा ने इस ऐतिहासिक क्षण का एक वीडियो जारी किया है, जिसमें स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को ISS से अनडॉक होते हुए दिखाया गया है। इस वीडियो में हैच के बंद होने से लेकर अनडॉकिंग की पूरी प्रक्रिया को कैद किया गया है। NASA ने अपने आधिकारिक चैनलों पर इस मिशन की लाइव कवरेज भी जारी रखी है।


धरती पर वापसी का पूरा कार्यक्रम


नासा ने इस मिशन के लिए एक विस्तृत कार्यक्रम साझा किया है:

18 मार्च, सुबह 08:15 बजे: स्पेसक्राफ्ट का हैच बंद किया गया।

18 मार्च, सुबह 10:35 बजे: ISS से अनडॉकिंग हुई।

19 मार्च, सुबह 02:41 बजे: डीऑर्बिट बर्न (यान वायुमंडल में प्रवेश करेगा)।

19 मार्च, सुबह 03:27 बजे: स्प्लैशडाउन (फ्लोरिडा के खाड़ी तट पर समुद्र में लैंडिंग)।

19 मार्च, सुबह 05:00 बजे: नासा द्वारा प्रेस वार्ता।


17 घंटे की लंबी यात्रा

सुनीता विलियम्स और उनके तीनों साथी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए यह वापसी यात्रा लगभग 17 घंटे लंबी होगी। यह स्पेसक्राफ्ट भारतीय समयानुसार 19 मार्च की सुबह 3:27 बजे समुद्र में लैंड करेगा। इस लैंडिंग के लिए पैराशूट तकनीक का उपयोग किया जाएगा। नासा इस पूरे मिशन की निगरानी कर रहा है और मौसम की स्थितियों के आधार पर लैंडिंग के स्थान का निर्धारण करेगा।


वैज्ञानिक प्रयोग और अंतरिक्ष में बिताया समय

सुनीता विलियम्स और उनके साथी वैज्ञानिकों ने इस मिशन के दौरान कई महत्वपूर्ण प्रयोग किए हैं। अंतरिक्ष में बिताए गए इन 9 महीनों के दौरान उन्होंने माइक्रोग्रैविटी पर शोध करने के साथ-साथ नए अंतरिक्ष यान और प्रणालियों का परीक्षण भी किया।


नासा की प्रेस वार्ता और भविष्य की योजनाएँ

नासा ने जानकारी दी है कि इस मिशन की सफलता के बाद प्रेस वार्ता का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों द्वारा पूरी जानकारी साझा की जाएगी। इसके अलावा, भविष्य के मिशनों के लिए भी योजनाएँ बनाई जा रही हैं।


दुनिया भर में उत्साह

सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी को लेकर पूरी दुनिया में उत्साह बना हुआ है। भारत में भी लोग इस ऐतिहासिक क्षण का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह मिशन न केवल विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि यह भविष्य में और अधिक अंतरिक्ष अभियानों के लिए एक प्रेरणा भी बनेगा।


निष्कर्ष :

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके तीन साथियों की यह वापसी ऐतिहासिक क्षण है। 9 महीने से अधिक समय तक अंतरिक्ष में रहने के बाद उनकी यह घर वापसी अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। नासा और पूरी दुनिया इस ऐतिहासिक मिशन को करीब से देख रही है।

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