गिलोटिन (संसदीय प्रक्रिया)

गिलोटिन एक संसदीय प्रक्रिया है जिसका उपयोग भारत सहित विभिन्न लोकतांत्रिक देशों में विधायी कार्यों को तेजी से संपन्न करने के लिए किया जाता है। विशेष रूप से यह प्रक्रिया बजट सत्र में अपनाई जाती है, जब सरकार को समय की कमी के कारण वित्तीय विधेयकों को जल्द से जल्द पारित कराना आवश्यक होता है। गिलोटिन प्रक्रिया के तहत बिना किसी विस्तृत चर्चा के बजट से संबंधित अनुदान मांगों पर मतदान किया जाता है, जिससे वित्तीय विधेयक को तेजी से पारित किया जा सके।


गिलोटिन (संसदीय प्रक्रिया)


परिभाषा और उत्पत्ति


"गिलोटिन" शब्द की उत्पत्ति फ्रांसीसी क्रांति के दौरान हुए एक फांसी के उपकरण से हुई थी, जिसका उपयोग दोषियों को शीघ्र दंडित करने के लिए किया जाता था। हालांकि, संसदीय प्रणाली में इसका एक अलग और लोकतांत्रिक अर्थ है। यहाँ गिलोटिन का आशय किसी प्रक्रिया को तेज करने और लंबी बहस से बचने के लिए एक निश्चित समय सीमा के भीतर उसे पूरा करने से है।


संसदीय संदर्भ में गिलोटिन


संसद में बजट प्रक्रिया के दौरान विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर चर्चा की जाती है। लेकिन यदि समय की कमी के कारण सभी मंत्रालयों की मांगों पर बहस संभव नहीं होती, तो स्पीकर 'गिलोटिन' लागू कर देते हैं। इस स्थिति में शेष अनुदान मांगों को बिना चर्चा के ही मतदान द्वारा पारित कर दिया जाता है।


गिलोटिन प्रक्रिया के चरण


  • बजट पेश किया जाता है – वित्त मंत्री वार्षिक बजट संसद में प्रस्तुत करते हैं।
  • अनुदान मांगों पर चर्चा – संसदीय समितियाँ विभिन्न मंत्रालयों की वित्तीय आवश्यकताओं की समीक्षा करती हैं।
  • समय सीमा का निर्धारण – यदि सभी मंत्रालयों पर विस्तृत चर्चा संभव नहीं होती, तो सरकार बजट को शीघ्र पास कराने के लिए 'गिलोटिन' का सहारा लेती है।
  • वोटिंग प्रक्रिया – संसद में अनुदान मांगों को एक साथ रखकर बिना चर्चा के वोटिंग कराई जाती है।
  • बजट पारित हो जाता है – बहुमत होने पर बजट को मंजूरी मिल जाती है और सरकार अपने कार्यों को सुचारू रूप से जारी रख सकती है।


भारत में गिलोटिन का उपयोग


भारत में गिलोटिन प्रक्रिया को कई बार अपनाया गया है। मोदी सरकार ने 2018-19 और 2020-21 में इस प्रक्रिया का उपयोग किया था। इससे पहले यूपीए सरकार (2004-05, 2013-14) के दौरान भी बिना विस्तृत चर्चा के अनुदान मांगें पारित की गई थीं। यह प्रक्रिया तब उपयोग में लाई जाती है जब संसदीय गतिरोध या समय की कमी के कारण विस्तृत बहस संभव नहीं होती।


आलोचना और समर्थन


समर्थन

  • सरकार को आवश्यक वित्तीय विधेयकों को समय पर पारित करने की सुविधा मिलती है।
  • संसदीय कार्यवाही में अवरोध आने पर कार्यों को तेजी से पूरा करने में सहायक होता है।
  • लंबी और अनावश्यक बहस को समाप्त कर बजट को समय पर मंजूरी दिलाने में मदद करता है।


आलोचना

  • विपक्षी दल इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हनन मानते हैं।
  • इससे संसदीय बहस और चर्चा की पारदर्शिता पर असर पड़ता है।
  • विपक्ष को सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करने का उचित अवसर नहीं मिलता।


गिलोटिन संसदीय प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो सरकार को बजट सत्र में वित्तीय विधेयकों को शीघ्र पारित करने में मदद करता है। हालांकि, इस प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक बहस बनी रहती है क्योंकि यह लोकतांत्रिक चर्चा को सीमित कर सकती है। इसके बावजूद, जब समय की कमी होती है और संसदीय गतिरोध बढ़ जाता है, तब यह विधायी कार्यों की निरंतरता सुनिश्चित करने का एक प्रभावी उपकरण बन जाता है।