सकल घरेलू उत्पाद (GDP) किसी देश की आर्थिक गतिविधियों का व्यापक मापक है। यह एक निश्चित अवधि के दौरान किसी देश के भीतर उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को दर्शाता है। GDP किसी भी देश की आर्थिक स्थिति, उत्पादन क्षमता, और उसके विकास की दर को समझने का सबसे महत्वपूर्ण संकेतक माना जाता है।
GDP के प्रकार
GDP को मापने के तीन मुख्य तरीके हैं:
वास्तविक GDP
यह महंगाई के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए किसी देश की उत्पादन दर को मापता है। इसे स्थिर मूल्यों पर मापा जाता है, जिससे यह समय के साथ आर्थिक विकास का सटीक अनुमान देता है।
सकल नाममात्र GDP (Nominal GDP)
यह मौजूदा बाजार मूल्यों पर मापा जाता है और इसमें महंगाई का प्रभाव शामिल होता है। इसका उपयोग आम तौर पर विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाओं की तुलना के लिए किया जाता है।
प्रति व्यक्ति GDP
GDP को किसी देश की जनसंख्या से विभाजित कर इसे प्रति व्यक्ति आधार पर मापा जाता है। यह किसी देश के नागरिकों की औसत आय का संकेतक है।
GDP की गणना के तरीके
GDP की गणना के तीन प्रमुख दृष्टिकोण हैं:
उपयोग दृष्टिकोण (Expenditure Approach)
इसमें उपभोक्ता खर्च, सरकारी खर्च, निवेश और शुद्ध निर्यात (निर्यात - आयात) को शामिल किया जाता है।
GDP=C+G+I+(X−M)
जहां,
- C: उपभोक्ता खर्च
- G: सरकारी खर्च
- I: निवेश
- X-M: शुद्ध निर्यात
उत्पादन दृष्टिकोण (Production Approach)
इसमें विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों के उत्पादन का कुल मूल्य मापा जाता है।
आय दृष्टिकोण (Income Approach)
इसमें मजदूरी, किराया, ब्याज और मुनाफा जैसे आय के स्रोतों को जोड़कर GDP का मापन किया जाता है।
GDP का महत्व
GDP किसी देश की अर्थव्यवस्था का स्वास्थ्य समझने का मुख्य उपकरण है। इसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है:
- आर्थिक प्रदर्शन का मूल्यांकन: GDP से किसी देश की आर्थिक वृद्धि और उत्पादकता का आकलन किया जाता है।
- नीतिगत निर्णय: सरकार और केंद्रीय बैंक, जैसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), GDP के आधार पर आर्थिक नीतियों का निर्धारण करते हैं।
- वैश्विक तुलना: GDP का उपयोग देशों की आर्थिक क्षमता की तुलना करने के लिए किया जाता है।
भारत में GDP
भारत में GDP की गणना केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) द्वारा की जाती है। 2024 तक, भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारतीय GDP में कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र का प्रमुख योगदान है:
- कृषि क्षेत्र: भारतीय GDP में लगभग 18% योगदान देता है और यह देश की बड़ी आबादी को रोजगार प्रदान करता है।
- उद्योग क्षेत्र: यह GDP में लगभग 25% का योगदान करता है।
- सेवा क्षेत्र: GDP का सबसे बड़ा हिस्सा, लगभग 57%, इस क्षेत्र से आता है।
GDP पर प्रभाव डालने वाले कारक
- सरकारी नीतियां: बजट, कर नीतियां, और सरकारी व्यय GDP को प्रभावित करते हैं।
- महंगाई: महंगाई दर GDP की वृद्धि दर पर प्रत्यक्ष प्रभाव डालती है।
- वैश्विक व्यापार: आयात और निर्यात का संतुलन GDP को प्रभावित करता है।
- मौसम: कृषि आधारित अर्थव्यवस्था होने के कारण, भारत में GDP पर मौसम का प्रभाव पड़ता है।
GDP और भारत का भविष्य
भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बदल रही है, और डिजिटलाइजेशन, मेक इन इंडिया, और स्टार्टअप्स जैसे अभियानों से GDP में और वृद्धि की संभावना है। हालांकि, महंगाई, बेरोजगारी, और वैश्विक आर्थिक स्थितियां GDP वृद्धि के लिए चुनौतियां प्रस्तुत करती हैं।