इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) भारत का एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है, जिसका मुख्यालय चेन्नई, तमिलनाडु में स्थित है। यह बैंक अपनी विविध बैंकिंग सेवाओं और अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क के लिए जाना जाता है। 10 फरवरी 1937 को श्री एम.सी.टी.एम. चिदंबरम चेट्टियार द्वारा स्थापित, आईओबी का उद्देश्य भारत में विदेशी व्यापार को बढ़ावा देना और ग्राहकों को अत्याधुनिक बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना था।
इतिहास:
इंडियन ओवरसीज बैंक की स्थापना व्यापार और बैंकिंग सेवाओं को एकीकृत करने के विचार से की गई थी। इसकी शुरुआत एक छोटे बैंक के रूप में हुई, लेकिन समय के साथ इसने न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई।
स्थापना: 10 फरवरी 1937
संस्थापक: एम.सी.टी.एम. चिदंबरम चेट्टियार
मुख्यालय: चेन्नई, तमिलनाडु
बैंक ने शुरू से ही नवाचार और पारदर्शी बैंकिंग पर ध्यान केंद्रित किया और यह पहला बैंक था जिसने 1964 में कंप्यूटरीकृत बैंकिंग सेवाएं शुरू कीं।
सेवाएं और उत्पाद:
इंडियन ओवरसीज बैंक व्यक्तिगत ग्राहकों, कॉर्पोरेट संस्थाओं और छोटे व्यवसायों के लिए विभिन्न प्रकार की वित्तीय सेवाएं और उत्पाद प्रदान करता है।
- जमा सेवाएं: बचत खाता, चालू खाता, निश्चित जमा, आवर्ती जमा।
- ऋण सेवाएं: होम लोन, पर्सनल लोन, एजुकेशन लोन, वाहन ऋण, कृषि और MSME ऋण।
- डिजिटल बैंकिंग: इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, यूपीआई भुगतान।
- अंतर्राष्ट्रीय सेवाएं: विदेशी मुद्रा विनिमय, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वित्त, प्रेषण सेवाएं।
अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति:
आईओबी के कई देशों में शाखाएं और प्रतिनिधि कार्यालय हैं, जिनमें सिंगापुर, हांगकांग, श्रीलंका और दक्षिण कोरिया प्रमुख हैं। यह बैंक भारतीय प्रवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण सेवा प्रदाता है, जो उन्हें भारत में धन प्रेषण और वित्तीय सेवाएं प्रदान करता है।
विलय और विकास:
हाल ही में, सरकार की बैंकिंग सुधार योजनाओं के तहत आईओबी का अन्य बैंकों के साथ संभावित विलय और सहयोग पर ध्यान दिया गया है। यह कदम बैंकिंग क्षेत्र को और अधिक संगठित और कुशल बनाने के लिए उठाया गया है।
बैंक की विशेषताएं:
- भारत का एक अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक।
- डिजिटल और कंप्यूटरीकृत सेवाओं में अग्रणी।
- विदेशी व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विशेष सेवाएं।
- ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में मजबूत उपस्थिति।
सामाजिक पहल:
आईओबी ने वित्तीय साक्षरता, महिला सशक्तिकरण, और लघु उद्योगों के लिए वित्तीय सहायता जैसी कई सामाजिक पहल शुरू की हैं। बैंक का उद्देश्य समाज के हर वर्ग को समृद्ध बनाना है।
नवीनतम उपलब्धियां:
- 2024 तक, आईओबी ने डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में कई पुरस्कार और मान्यताएं प्राप्त की हैं।
- एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों) को नियंत्रित करने और लाभप्रदता बढ़ाने में सफलता हासिल की।
नारा (टैगलाइन):
"गुड पीपल टू ग्रो विद" (Good People to Grow With)