मनमोहन सिंह भारत के 14वें प्रधानमंत्री रहे, जिन्होंने 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक इस पद पर कार्य किया। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री हैं। प्रधानमंत्री बनने से पहले उन्होंने भारत के वित्त मंत्री के रूप में 1991-1996 तक सेवा दी और देश में आर्थिक उदारीकरण के लिए व्यापक सुधारों की शुरुआत की, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी।
शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
मनमोहन सिंह का जन्म एक सिख परिवार में हुआ। उनका प्रारंभिक जीवन कठिन परिस्थितियों में बीता। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आकर बस गया। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। इसके बाद कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी.फिल की डिग्री प्राप्त की।
आर्थिक योगदान
मनमोहन सिंह भारत के सबसे प्रभावशाली वित्त मंत्रियों में से एक माने जाते हैं। 1991 में, भारत गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा था। पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री के रूप में, उन्होंने आर्थिक सुधारों की एक श्रृंखला लागू की, जिसमें लाइसेंस राज को समाप्त करना, विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करना, और आर्थिक वैश्वीकरण को अपनाना शामिल था। इन सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को गति दी और भारत को वैश्विक आर्थिक मानचित्र पर स्थापित किया।
प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल
2004 में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार बनाई, और सोनिया गांधी के समर्थन से मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। उनका कार्यकाल दो अवधियों में बंटा रहा:
पहला कार्यकाल (2004-2009):
इस अवधि में उन्होंने शिक्षा, ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई योजनाएं लागू कीं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) और शिक्षा के अधिकार जैसे प्रमुख कानून इसी अवधि में लागू हुए।
दूसरा कार्यकाल (2009-2014):
इस कार्यकाल में वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने में उनकी नीतियां महत्वपूर्ण रहीं। हालांकि, इस दौरान भ्रष्टाचार के आरोपों और घोटालों ने उनकी सरकार की छवि को धूमिल किया।
व्यक्तित्व और नेतृत्व शैली
मनमोहन सिंह को उनकी सादगी, ईमानदारी और अकादमिक क्षमता के लिए जाना जाता है। वे अपनी शांत और धैर्यपूर्ण नेतृत्व शैली के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी प्राथमिकता हमेशा नीतियों और परिणामों पर रही, न कि व्यक्तिगत लोकप्रियता पर।
पुरस्कार और सम्मान
मनमोहन सिंह को उनकी सेवा और योगदान के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं, जिनमें पद्म विभूषण (1987) और कई विश्वविद्यालयों से मानद उपाधियां शामिल हैं।
विरासत
मनमोहन सिंह का योगदान भारतीय अर्थव्यवस्था और राजनीति में हमेशा याद किया जाएगा। उनके आर्थिक सुधारों ने देश को नई दिशा दी और वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति मजबूत की। प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल ने सामाजिक और आर्थिक मोर्चों पर कई महत्वपूर्ण बदलाव लाए।
निजी जीवन
मनमोहन सिंह ने गुरशरण कौर से विवाह किया, और उनके तीन बेटियां हैं। वे एक पारिवारिक व्यक्ति हैं और अपने व्यक्तिगत जीवन में बेहद सादगीपूर्ण हैं।
नोट: मनमोहन सिंह की उपलब्धियां और उनकी नीतियां आज भी भारत के आर्थिक और सामाजिक विकास के महत्वपूर्ण स्तंभ मानी जाती हैं।
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