सुनील छेत्री (Sunil Chhetri)

सुनील छेत्री भारतीय फुटबॉल के महान खिलाड़ियों में से एक हैं। उनका जन्म 3 अगस्त 1984 को सिकंदराबाद, आंध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) में हुआ था। छेत्री भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कप्तान हैं और उन्होंने अपने शानदार खेल से भारतीय फुटबॉल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिलाई है।


सुनील छेत्री

प्रारंभिक जीवन

सुनील छेत्री का जन्म एक नेपाली परिवार में हुआ। उनके पिता, के.बी. छेत्री, भारतीय सेना में थे और मां, सुषिला छेत्री, नेपाल की महिला राष्ट्रीय टीम की खिलाड़ी थीं। सुनील की प्रारंभिक शिक्षा और फुटबॉल की शुरुआत दार्जिलिंग में हुई, जहां उन्होंने अपनी प्रतिभा को निखारा।


करियर

छेत्री ने अपने पेशेवर फुटबॉल करियर की शुरुआत 2002 में मोहन बागान से की। इसके बाद उन्होंने जेसीटी, किंगफिशर ईस्ट बंगाल, और डेम्पो जैसी प्रमुख भारतीय क्लबों में खेला। 2010 में, उन्होंने कैनसस सिटी विजार्ड्स के साथ करार किया, जिससे वे मेजर लीग सॉकर (MLS) में खेलने वाले पहले भारतीय बने।


अंतरराष्ट्रीय करियर

सुनील छेत्री ने 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण किया। वे भारतीय राष्ट्रीय टीम के सबसे प्रमुख गोल स्कोरर हैं और उन्होंने 100 से अधिक अंतरराष्ट्रीय गोल किए हैं। उनके नेतृत्व में, भारत ने कई महत्वपूर्ण टूर्नामेंट जीते, जिनमें एएफसी एशियन कप और सैफ चैंपियनशिप शामिल हैं।


उपलब्धियाँ

अर्जुन पुरस्कार: 2011 में छेत्री को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

पद्म श्री: 2019 में उन्हें भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान, पद्म श्री से नवाजा गया।

एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर: छेत्री को कई बार एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर के खिताब से नवाजा गया।


व्यक्तिगत जीवन

सुनील छेत्री ने सोनम भट्टाचार्य से शादी की है, जो भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी सुब्रत भट्टाचार्य की बेटी हैं। वे अपने अनुशासन और खेल के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते हैं।


संन्यास

2024 में, सुनील छेत्री ने घोषणा की कि वे अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास ले लेंगे। उन्होंने कुवैत के खिलाफ अपना आखिरी मैच खेला और इसके बाद अपने लंबे और शानदार करियर को अलविदा कहा।


विरासत

सुनील छेत्री भारतीय फुटबॉल के एक महानायक हैं। उनके योगदान से भारतीय फुटबॉल ने वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाई है। वे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।